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रस (ras)
Page No:
158
Paribhashas:
रासायनिक द्रव्यों का तरल स्वरूप, चारों अवस्थाओं का सहज वैभव वर्तमान परम्परा, अस्तित्व में अनुभूति।
दया, कृपा, करूणा की अविभाज्य अभिव्यक्ति। सम्पूर्ण मूल्य ही रस स्वरूप है।
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