परिवार व्यवस्था और सार्वभौम रूपी समग्र व्यवस्था में भागीदारी, मानवीयता पूर्ण आचरण मूल्य चरित्र नैतिकता प्रमाण; अस्तित्व दर्शन ज्ञान, जीवन ज्ञान, मानवीयतापूर्ण आचरण ज्ञान विवेक विज्ञान सम्मत कार्य व्यवहार प्रमाण।
मानवीय द़ृष्टि, मानवीय विषय, वृत्ति और निवृत्ति, मानवीय तथा अतिमानवीय स्वभाव की अभिव्यक्ति, संप्रेषणा और प्रकाशन। मानवीयता पूर्ण जीवन, अतिमानवीय वैभव |
मानव सहज अस्तित्व में जीवन मूल्य, मानव मूल्य, स्थापित मूल्य, शिष्ट मूल्य तथा वस्तु मूल्य को जानने-मानने, पहचानने-निर्वाह करने और सम्प्रेषित, प्रकाशित, अभिव्यक्त करने की क्रिया।
अस्तित्व में मानव अनुभव मूलक पद्धति से विचार शैली और जीने की कला।
मनुष्य व्यवहार में सामाजिक, व्यवसाय में स्वावलम्बी, विचार में समाधानित, अनुभव में प्रामाणिकता को अभिव्यक्त, संप्रेषित, प्रकाशित करने की क्रिया।