सह अस्तित्व में मध्यस्थ सत्ता, मध्यस्थ क्रिया, मध्यस्थ बल, मध्यस्थ जीवन का अध्ययन एवं सूत्र व्याख्या।
(तात्विक रूप में) मध्यस्थ सत्ता, मध्यस्थ क्रिया, मध्यस्थ बल, मध्यस्थ शक्ति, मध्यस्थ जीवन का सूत्र व व्याख्या। (अ) मध्यस्थ:-अस्तित्व में संपूर्ण आवेशों को सामान्य बनाने और आवेशों से निष्प्रभावित रहने का पूर्ण वैभव। (ब) दर्शन:-दर्शक द़ृष्टि के द्वारा स्वीकार व प्रतिबद्धता पूर्वक, द़ृश्य के साथ किया गया परावर्तन व प्रत्यावर्तन क्रिया।