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भ्रम (bhram)
Page No:
138
Paribhashas:
सत्यबोध के अभाव में चित्त में होने वाली चित्रण क्रिया जिसमें अतिव्याप्ति, अनाव्याप्ति, अव्याप्ति दोष रहता है, भ्रम होता है।
यथार्थता से भिन्न मान्यता ही भ्रम है।
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