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Pageno
Paribhashas
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व्यापक वस्तु में ही संपूर्ण एक-एक वस्तुओं का अनुभव सिंधु बिंदु न्याय से संपन्न होना रहना। चैतन्य ज्ञानात्मा का अंतिम विकास ब्रह्मानुभूति है।
आनंद की निरंतरता ही ब्रह्मानुभूति का आद्यान्त लक्षण है।
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