प्रज्ञा (pragya)
- Page No: 130
- Paribhashas:
- सुदूर आगत तक फल परिणामों को स्पष्ट करने वाला ज्ञान।
- परिष्कृति पूर्ण संचेतना।
- वस्तुगत सत्य, वस्तु स्थिति सत्य के प्रति अवधारणा एवं स्थिति सत्य में ज्ञान।
- जीवन जागृति की निरंतरता को अभिव्यक्त करना।
- संप्रेषित करना, पहचानना, निर्वाह करना प्रज्ञा है।