तर्क संगत विधि से सहअस्तित्व रूप वस्तु अध्ययन विधि से बोध होना। अर्थ अस्तित्व में वस्तु के रूप में समझ में आना ही प्रतीति है। फलत: बोध व अनुभव पूर्वक प्रमाण चिंतन साक्षात्कार प्रणाली से अभिव्यक्ति होना सहज है।
चिंतन, साक्षात्कार, समझ की अभिव्यक्ति, संप्रेषणा।
अध्ययन विधि में चित्त में साक्षात्कार, बुद्धि में स्वीकृति, अध्ययन बोध।
अस्तित्व स्पष्ट तथा प्रयोजन सहित स्वीकृति।
जागृति क्रम में सत्य बोध सत्य प्रतीति होना पाया जाता है, जिसको साक्षात्कार के रूप में पहचाना जाता है, सत्य स्वरूप सहअस्तित्व ही है।