प्रतिभाव (pratibhav)
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- Paribhashas:
- व्यवस्था के अर्थ में संबंधों में मूल्यों का निर्वाह करने के फलस्वरूप जिसके साथ निर्वाह हुआ रहता है उनसे प्रतिभाव रूप में मूल्य निर्वाह होता है। अनुभवमूलक उद्घाटन।
- अनुभव के अनंतर बोध-चिंतन रूप में प्रमाणित करने हेतु प्रवृत्ति।