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पूर्णभाव (purnabhav)
Page No:
117
Paribhashas:
जागृतिपूर्ण जीवन प्रतिष्ठा, परिष्कृतिपूर्ण संचेतना की अभिव्यक्ति।
द़ृष्टा पद प्रतिष्ठा, दया, कृपा, करुणा के अविभाज्य रूप प्रेम सहज अभिव्यक्ति, संप्रेषणा, प्रकाशन क्रिया।
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