पहचानना (pahachanana)
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- Paribhashas:
- हर वस्तु अपने पद यथास्थिति रूप में बिम्बित रहता है, यह पहचान का सूत्र है यह जड़ प्रकृति में भी प्रमाणित है। इसी विधि से परस्पर अंश एक दूसरे को पहचानते हुए व्यवस्था में है। इस तरह प्रत्येक परमाणु अपने-अपने निश्चित आचरण को प्रस्तुत करते हैं। प्रयोजन के अर्थ में पहचान मानव परम्परा में जागृति पूर्वक ही प्रमाणित है। जड़-चैतन्य प्रकृति में भी प्रतिबिम्बन विधि से पहचान।