परमात्मा (paramatma)
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- Paribhashas:
- व्यापक वस्तु, पारगामी, पारदर्शी सहज रूप में नित्य वर्तमान, व्यापक वस्तु में संपूर्ण एक-एक वस्तुएं चारों अवस्थायें डूबे भीगे व घिरे हुए के रूप में व्यक्त है, प्रमाणित है।
- तीनों काल में एकसा विद्यमान, बोधगम्य एवं आनंदमय (सत्ता)।