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अनुप्राण सूत्र (anupran sutra)
Page No:
11
Paribhashas:
विकास क्रम में भौतिक रासायनिक वस्तु के यथास्थिति सहज वैभव के अर्थ में।
संपूर्ण प्रकृति परस्परता में पूरक है यही अनुप्राण सूत्र है।
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