व्यवहारवादी समाजशास्त्र

by A Nagraj

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कार्यक्रम का तौर तरीका जो अपनाये गये थे उसके आधार पर सफलता का समारोह सम्पन्न करना आवश्यक रहता ही है। इसका समयावधि ग्राम सभा के समयानुसार सम्पन्न होना व्यवहारिक है। इसी के अनुसार न्याय-सुरक्षा समिति के सफलताओं को समीक्षा कर पूरा ग्रामवासियों को अवगाहन कराने का कार्य सम्पन्न किये जाने के रूप में देखने को मिलता है। इससे सम्पूर्ण ग्रामवासी न्याय-सुरक्षा सुलभ होने में विश्वस्त एवं आश्वस्त होने का अवसर समारोह समय में स्वाभाविक रूप में देखने को मिलता है। इसी उमंग के साथ भविष्य के प्रति भरोसा करना स्वाभाविक होता है। वर्तमान तक की सफलता भविष्य के प्रति आश्वस्तता का हर संगम स्थिति, गति, उत्साह और प्रसन्नता के स्वरूप में ही प्रमाणित होना देखा गया है। इसी प्रकार उत्पादन-कार्य समिति, विनिमय-कोष समिति, स्वास्थ्य-संयम कार्य समिति, मानवीयतापूर्ण शिक्षा-संस्कार समितियों का वर्तमान तक के सफलता, भविष्य में आश्वस्त होने का सफल योजना के अवगाहन तक का समारोह प्रसन्नता में अभिभूत होना, स्वाभाविक है। ऐसी अभिभूति के साथ ही हर्ष ध्वनि सफलता का कीर्ति गायन, भविष्य में सफलता का आकांक्षा, सम्भावना सहित कर्तव्यों और दायित्वों की स्वीकृति और उसका उद्गार सहित हर्ष ध्वनि गीत संगीत का वातावरण बनाया जाना समारोह-वैभव का प्रतिष्ठा रहेगा। अस्तु, ग्राम सभा बनाम पाँचों समितियों सहित सफलता का आंकलन अग्रिम योजनाओं का प्रकाशन समारोह का सारतत्व रहेगा। यही व्यवस्था मूलक समारोहों की महिमा है। इसी प्रकार हर स्तरीय समितियों में समारोह कार्य सम्पन्न होना स्वाभाविक रहेगा। यह विश्व परिवार पर्यन्त व्यवहारान्वयन होना देखने